बुधवार, 24 अक्टूबर 2012

मिड डे मील पकाने को अतिरिक्त बज


मिड डे मील पकाने को अतिरिक्त बजटगैस सिलेंडरों पर सब्सिडी खत्म होने के बाद सरकारी स्कूलों मेंपकने वाले मिड डे मील पर छाए संकट को छांटने के लिए शिक्षा निदेशालय ने आखिर संज्ञान लिया है। प्रदेश के मौलिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को सरकारी स्कूलों में गैस रिफिल करवाने के लिए अतिरिक्त राशि का प्रस्ताव निदेशालय को भेजने के आदेश दिए हैं। प्राइमरी शिक्षा निदेशालयके इन आदेशों से प्रदेश के करीब पांच हजार सरकारी स्कूलों में हर रोज लाखों बच्चों के लिए पकने वाला दोपहर का भोजन चूल्हेकी बजाय फिर से गैस पर ही पकने लगेगा। दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। ज्ञात होगा कि केंद्र सरकारद्वारा सब्सिडी हटाए जाने के बाद घरेलू गैस सिलेंडर 887 से लेकर एक हजार रुपये तक उपलब्ध हो पाएगा। अधिकारियों की मानें तो पांच हजार सरकारी स्कूलों में बच्चों को दोपहर का भोजन दिया जा रहा है। इसमें प्रति बच्चा खाना पकाने का मात्र 20 पैसे बजट निर्धारित है। इतने कमबजट में बढ़ी हुई गैस खरीदकर बच्चों के लिए भोजन पकाना किसी भी सूरत में संभव नहीं है। ऐसे में अधिकतर सरकारी स्कूलों में लकड़ी के सहारे चूल्हे पर मिड डे मील का राशन पक रहा है। प्रदेश भर में 5538 राजकीय मिडिल व हाई स्कूल हैं, जबकि 9452 राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं में भी बच्चों को दोपहर का भोजन उपलब्ध करवाने कीव्यवस्था है। अब मिलेंगे दो सिलेंडर और एक बर्नर शिक्षा निदेशालय ने प्रत्येक सरकारी स्कूल में केंद्र सरकार के निर्देशानुसार दो गैस सिलेंडर और एक बर्नर सहित अन्य सामान उपलब्ध करवाने के लिए राशि उपलब्ध करवाई है। इसके लिए जिन विद्यालयों में इनकी व्यवस्था नहीं है, उनके बारे में निदेशालय को जल्द सूचित करने केनिर्देश सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी हुए ह

nirmal singh

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